कविता - बस्तरिया खुश है ?


सुखी कौन है

बस्तर में

सुखराम, बुधराम, नडगु या ?

प्रश्न वस्तुनिष्ट है

उत्तर जरा गरिष्ठ है

नही लम्बी फेहरिस्त है

सच तो ये है यार

बस्तर में सुखी है खुश है

अफसर, ठेकेदार. पत्रकार

या खादी के तरफदार

बस्तरिया 

दो रूपये के चांवल में

खुश है

मॅुह बन्द है,

ऑख बन्द है,

दिमाग का उपयोग करने मे दण्ड है

कटते सागौन,

झरते महुये

बोरर कीट से छिद्रित वृक्ष साल

इन सबसे बस्तर बेहाल

बाकी लगे है यार 

समेट रहे है धारे-धार

बस्तर में सुखी है,

खुश है

अफसर, ठेकेदार, पत्रकार

या खादी के तरफदार

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