ना खौफ़-ए-दुनिया है मुझे ना खौफ़-ए-खुदा सा लगे है


कोइ नाजुक रग टुटा सा लगे है
वो गैर ही सही  रूठा सा लगे है
ना बेताल्लुकी का दावा है उसे
ना मुझसे कहीं जुदा सा लगे है
jay bastriya -Baster

ना  खौफ़-ए-दुनिया  है  मुझे
ना  खौफ़-ए-खुदा  सा लगे है

उससे घर का पता क्या पूछूं
अपनी गली में गुमा सा लगे है

फिर सबा महकी मेरे  गाम की
फिर हर गज़ल सुना सा लगे है

उस वादे पे एतबार क्या  किया
उसका हर वादा झूठा सा लगे है

किस्सा-ए-लत-ओ-आदत "नादाँ'
नावाकिफ लफ्ज़ों तर्जुमा सा लगे है


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