आखिर कौन मुझे बर्बाद करे है
क्या-क्या भूलें किसे याद करें है
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जय बस्तरिया - ये जो जिंदगी है |
कुछ दोस्त कोइ खुदा या इश्क
आखिर कौन मुझे बर्बाद करे है
इश्क सियासत सा रंग बदले है
ये किससे हम दरख्वास्त करें है
चलन-ए-जमाना रिवायते इश्क
ये तल्खियाँ जेहन आबाद करे है
इस राह के सारे दरख्त काट कर
रहनुमां काँटों की तिज़ारत करे है
बे तक्ल्लुफ़ी आईने से ठीक नही
सच से यूँ ''नादाँ' मुलाकात करे है
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