कविता - मेरे बस्तर का दर्द...........

मेरे बस्तर का दर्द...........

शहर के पूरे कपड़े पहने वालो को
शहर वालो को
नही मालुम
वे समझ नही पा रहें
आधे कपड़े पहने वालों की
हमारी दुनिया की जंगल का दावानाल
इस जंगल से बाहर
तुम्हारे आंगन तक
पहुंचेंगा
यह दावानल पहुचेंगा
आज तुम्हारे दूनिया को
सिर्फ अखबारों की खबर है हमारा जीवन
टी0वी0 में निचले पट्टे पर चलती खबर
एक टाइमपास खबर
एक खबर
बहस किजिए
चर्चे किजिए
बहस के मजे लिजिऐ
इंजेरम के सलवा जुडुम केम्प में
53 को जला कर मार डाला गया
बीजापुर बस्तर में
आज बम ब्लास्ट मे 15 मरे
रानी बोदली थाने पर
हमला हुआ 42 मरें
जगरगुंडा की बस्ती लूटी
ताडमेटला में 76 जवान मारे गये
चिंगावरम में बस का ब्लास्ट
42 लोग कालकलवित  
जंगल का यह सांप सरक कर
जब आपकी दुनिया
चूपके से कब सामिल हो जायेगा
आज नही तो कल दाखिल हो जायेगा
मुझे लगता है
दरभा के जीरम घाटी के की खून की होली के बाद
देखना कल यह दावानल जंगल छोड़
तुम्हारे शहर के गलियों का
हर पल हो जायेगा
तब हम भी पुछेंगें
सिर्फ अखबारों की खबर है
क्या तुम्हारा जीवन
टी0वी0 में निचले पट्टे पर चलती खबर
एक टाइमपास खबर
एक खबर
क्या तुम्हारा जीवन 
.....जयनारायण बस्तरिया 

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