कविता - कविता नागफनी हो जाती है
जब आज
जीवन सरल एवं सपाट नही
उम्मीद कैसे रखते है आप ?
एक चाँद, इक लडकी,
एक फूल पर कविता
एक फूल पर कविता
सरल सपाट कविता,
श्रृंगार रस की कविता की
श्रृंगार रस की कविता की
और तब,
जब कविता मेरे लिए
जब कविता मेरे लिए
जीवन संघर्ष एवं प्रतिपल मृत्युबोध का नाम है
भूख, रोटी और एक धोती के साथ
एक टुकडे छत का नाम कविता है
कविता मेरे लिये
अनुभुति, चिन्तन यथा अभिव्यक्ति है
मेरी कविता मेरा दर्द है
तब बन्धे हाथों से और खुली आँखों से मै
दिवारों के कानों से बचते हुए
सोचता हूँ
तुम्हारी दुनिया, मेरी दुनिया दोनों जब
तरह-तरह की भाषा से पटी पडी हो
जब जातियां, वर्ग और चमडी के रंगों
के तरह तरह के परौकारो से अटी पडी हो
जब मैदानों का चरित्र
पहाडों को संक्रमित कर रहा हो
तब हवा दिमाग में भर जाती है
तब जंगल आँतों मे उग आता है
तब स्तब्ध या क्षुब्ध
कविता नागफनी हो जाती है
तब भी आप मुझसे
एक चाँद, इक लडकी, एक फूल पर कविता
सरल सपाट कविता,
श्रृंगार रस की कविता की
श्रृंगार रस की कविता की
की उम्मीद रखते है
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपकी भावनाओं के लिये
हटाएं🌿🙏
गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद।
हटाएंआपकी भावनाओं और इस कविता को पूर्ण व सार अध्ययन के लिये।
🌿🙏 आभार
जवाब देंहटाएं