विचार - शिक्षा , केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की योजनाओं में अन्‍तर : संसाधन एवं पहुंच


शिक्षा , केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की योजनाओं में अन्‍तर : संसाधन एवं पहुंच   
केन्‍द्र सरकार द्वारा राज्‍य स्‍तर पर संचालित एक विदयालय तथा राज्‍य सरकार द्वारा संचालित एक विदयालय के में उपलब्‍ध संसाधन एवं कार्ययोजना के अन्‍तर एवं परिणाम स्‍वरूप मुणवत्‍ता का अन्‍तर को स्‍पष्‍ट रूप से देखा जा सकता है । शिक्षा के क्ष्‍ेात्र में राज्‍य सरकार एवं केन्‍द्र सरकार का 6 प्रतिशत से अधिक व्‍यय की सीमा तक कौन पंहुच रहा है यह विचारणीय है। बहरहाल राज्‍य सरकार द्वारा कमजोर वर्गो के लिये छात्रव्रत्त्‍िा, हर जगह उपलब्‍ध छात्रावास आश्रम, सायकल वितरण योजना, शिक्षको की नियुक्ति का प्रया,शिक्षण तथा प्रशिक्षण की सुविधा मे उल्‍लेखनीय विस्‍तार हुआ है सरकार की योजना बहुत अच्‍छी है। वही शिक्षा मिशन के अन्‍तर्गत शैक्षणिक संस्‍थाओं की स्‍थापना, शाला भवनों का निर्माण, शैक्षणिक संसाधनो का विस्‍तार अल्‍लेखनीय है । समस्‍या तो है जमीनी स्‍तर तक संसाधन एवं शिक्षा का मुणवत्‍ता सहित ? पंहुच का है। राज्‍य एवं केन्‍द्र सरकार शिक्षको के क्षमता विकास के लिये आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षणों की संख्‍या पर्याप्‍त है स्थिति तो यह है कई प्रशिक्षणों के बजट उपयोग के अभाव में निरस्‍त हो जाते है। देखा यह जाना जरूरी है कि शिक्षकों के प्रशिक्षणो की जरूरत, गुणवत्‍ता, कक्षाओं में इनके प्रयोग के अवसर, समुचित विधि से प्रशिक्षण, प्रशिक्षक की क्षमता आदि में कही प्रश्‍न चिन्‍ह तो नही है।
शिक्षको का प्रशिक्षण जमीनी स्तर पर बच्चो के कितने काम का रह्ता है प्रशिक्षण के विषयवस्तु को कितना अपने पाठ्यक्रम मे सह्भागी टुल्स के रुप मे उपयोग करते है । स्कूल का वातावरण किसी अच्छे शिक्षक को कितना सह्योग प्रदान करती है । 
राज्य शासन और केन्द्र शासन के एक ही विषय पर स्वीकृत मद मे काफी अंतर है , पाठयक्रम मे अंतर , संसाधनो की गुणवत्ता मे अंतर ,संसाधनो के आकार मे अंतर होता है ।   
आज हमारे आस-पास शिक्षा के मुद्दे पर क्या हो रहा है समाज के किसी भी इकाई से छुपा नही है बात सिर्फ इतनी सी है इन  विषमताओ के विरुद्ध कितने प्रश्न खडे होते है कितने लोग भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिये मुखर होते है । 
नवोद्य विद्यालय , केन्द्रीय विद्यालय , और राज्य शासन का विद्यालय इनके मध्य अंतर क्यु ? 
शिक्षक ....???

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