लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप मई 05, 2014 'नादाँ' अपनी आवारगी को बड़ा मुनासिब पाया ना कहीं दिवार खड़ी की ना कहीं घर बना पाया साभार और पढ़ें